” ज्योतिष भाग्य-परिवर्तित नहीं करता अपितु कर्म-पथ प्रदर्शित करता है तथापि कर्म से भाग्य में परिवर्तन किया जा सकता है इसमें कोई संशय नहीं “
“हरि हर हरात्मक” नाम से क्रियान्वित ज्योतिष संस्थान का गठन एवं संस्थापन शुभ विक्रम संवत २०७२, शालिवाहन शक संवत १९३७ , मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की दशमी (पूर्णा संज्ञक तिथि प्रात: ७:४१ तक), तदुपरान्त एकादशी (नन्दा संज्ञक तिथि प्रारम्भ) दिनांक ६ दिसंबर २०१५ , दिन रविवार को अमृत-सर्वार्थसिद्धि योग में राजराजेश्वर महायोगी भगवान श्री कृष्ण जी की प्रेरणा से आचार्य पं. श्री रामकिशोर जी द्विवेदी, आशीर्वाद से पंडित श्री विश्वनाथ जी द्विवेदी ‘वाणी रत्न’ द्वारा किया गया तथा समूह का प्रबंधन कार्य एवं अध्यक्ष पद स्वयं पं. श्री विश्वनाथ द्विवेदी जी (प्रमुख व्यवस्थापक) ने संभाल लिया।
” ज्योतिष भाग्य-परिवर्तित नहीं करता अपितु कर्म-पथ प्रदर्शित करता है तथापि कर्म से भाग्य में परिवर्तन किया जा सकता है इसमें कोई संशय नहीं “
जन्म कुंडली एक दस्तावेज है जिसका प्रयोग अक्सर ज्योतिष से जुड़ी गणनाओं को करने के लिए किया जाता है। एक जन्म कुंडली को बनाते वक़्त, जन्म तिथि, जन्म का समय, जन्म का स्थान और नाम ……….
हिन्दू धर्म में शास्त्रों के अनुसार की गयी वैदिक पूजा को ही सर्वश्रेष्ठ पूजा कहा गया है यदि पूर्ण श्रद्धा एवं विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना कि जाये, तो निष्चित रूप से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ……….
कुंडली मिलान, आपको सही जीवनसाथी चुनने व शादी के बाद एक सुखी दाम्पत्य जीवन व्यतीत करने में सहायता प्रदान करता है । साथ ही कुंडली मिलान से आप जीवन शादी के अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं ……….
वास्तु-शास्त्र वह विधा है जिसके माध्यम से चेतन-पुंज मनुष्य जड़बाह्य संसार से अपना तारतम्य बैठाता है और सकारात्मक सामंजस्य स्थापित करता है | वास्तुशास्त्र वास्तव में प्रकृतिचर्या का एक अंग है ……….
संस्थापक, अध्यक्ष प्रबंध निदेशक – “हरि हर हरात्मक ज्योतिष संस्थान”
संपर्क सूत्र – 📞 07089434899 📞 06260516216
“श्री हरिहरात्मकम् देवें सदा मुद मंगलमय हर्ष। सुखी रहे परिवार संग अपना भारतवर्ष॥”
“श्री हरिहरात्मकम् देवें सदा मुद मंगलमय हर्ष। सुखी रहे परिवार संग अपना भारतवर्ष॥”