हरितालिका तीज व्रत (भाद्रपद शुक्ल पक्ष)
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ मुहूर्त्तमात्र सत्वेऽपि दिने गौरीव्रतं परेति। अर्थात् – माधवोक्त जिस दिन
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ मुहूर्त्तमात्र सत्वेऽपि दिने गौरीव्रतं परेति। अर्थात् – माधवोक्त जिस दिन
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ विष्णुपुराण, शिवपुराण, ब्रम्हपुराण, भविष्यपुराण इत्यादि के अनुसार भगवान श्री कृष्ण
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ परायुक्ता षष्ठी में हरछठ व्रत का विधान है। अर्थात् जिस
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ भविष्यपुराण के अनुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष षष्ठी को चन्द्रोदय के
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ यह तृतीया व्यापकरूप में मनाई जाती है। माहेश्वरी वैश्य समाज
ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ भविष्योत्तर पुराण एवं मदनरत्न के अनुसार रक्षाबंधन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ श्रावण शुक्ल पक्ष में पराविद्धा पंचमी को सर्प-नाग पूजन का
ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ सौर पुराण के अनुसार श्रावण शुक्ल पक्ष में मध्यान्ह व्यापिनी
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ हेमाद्री एवं भविष्य पुराण के अनुसार चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ तृतीया श्रावणे कृष्णा, या स्याच्छ्रवण संयुता। तस्यां सम्पूज्य गोविन्दं, तुष्टिमग्रयामवाप्नुयात्॥