यम द्वितीया
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ (यमद्वितीया मध्यान्हव्यापिनी पूर्वविद्धा चेति हेमाद्रिः)(निर्णय सिन्धु) कार्तिक शुक्ल द्वितीया। यह
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ (यमद्वितीया मध्यान्हव्यापिनी पूर्वविद्धा चेति हेमाद्रिः)(निर्णय सिन्धु) कार्तिक शुक्ल द्वितीया। यह
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ प्रदोषार्धरात्रव्यापिनी मुख्या एकैक व्याप्तौ परैव(निर्णय सिन्धु) अर्थात् – प्रदोष काल
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ फाल्गुन कृष्णपक्ष चतुर्दशी। जैसा कि शिवरात्रि के नाम से संकेत
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ प्रदोष व्यापिनी ग्राह्या पूर्णिमा फाल्गुनी सदा। निशागमे तु पूज्येत् होलिका
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ यह त्रयोदशी प्रदोष व्यापिनी शुभ होती है। यदि वह दो
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ कार्तिक कृष्ण पक्ष। वत्सपूजा वटश्चैव कर्तव्यी प्रथमऽहनि के अनुसार इसमें
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ (कार्तिक कृष्ण पक्ष) – इस दिन सौभाग्वती महिलाएं दिनभर व्रती
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ आश्विन शुक्ल पूर्णिमा को गोदुग्ध की खीर का अर्धरात्रि के
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ शमीपूजायात्रदौ नक्षत्रोदयव्यापिनीदशमी ग्राह्या।नवमीशेष युक्तायां दशम्यायम पराजिता।ददाति विजयं देवी पूजित जयवर्द्धिनी॥
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक सोलह दिन