“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”
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जो व्यक्ति आर्थिक संकट से ग्रस्त हैं, मेहनत करके भी धन संचय नहीं कर पा रहे हैं तथा धन प्राप्ति के लिए हरसंभव श्रेष्ठ उपाय करना चाहते हैं उन्हें श्री लक्ष्मी जी कृपा प्राप्ति तथा उनकी स्थिरता के लिए निम्नलिखित सामग्री का संचय करके, शुभ मुहूर्त में “श्री लक्ष्मी कुबेर पोटली” बना कर तिजोरी में अवश्य रखना चाहिए यह पोटली चमत्कारिक रूप से आर्थिक लाभ प्रदान करती हैं तथा माता लक्ष्मी जी तथा धन के देवता श्री कुबेर जी की कृपा से आपका जीवन धन-धान्य सुख-समृद्धि से परिपूर्ण कर हो जाता है।
पोटली निर्माण हेतु सामग्री
सवा मीटर लाल अथवा रेशमी वस्त्र (पोटली बनाने के लिए) होना चाहिए
• कौड़ी (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग यदि पीली मिल जाए तो अति उत्तम)
• गौमती चक्र (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• मोती शंख (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• लघु नरियल (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• मुक्ता मणि का पर्ण (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• कमलगट्टे (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• सुपारी (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• साबुत अक्षत (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• सर्वोषधि
• साबुत समूची काली हल्दी अथवा पीली हल्दी (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• सूखा आंवला
• शतावरी, सफेद सरसों, काली सरसों, पीली सरसों
• लोंग (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• लाल, काला, सफेद गुंजा (तीन चिरमी) (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
• श्री यंत्र स्फटिक अथवा अष्टधातु का १
• त्रिकोण चांदी का टुकड़ा अथवा चांदी का सिक्का १
• भीमसैनी कर्पूर
• कुंकुम
• गुलाल
• अबीर
• रजनीगंधा (रातरानी) इत्र
• समुद्र की सीप (२ नग अथवा ५ नग अथवा ११ नग अथवा २१ नग)
ध्यातव्य तथ्य –
→ शुभ मुहूर्त में भगवान श्री गणेश, माता लक्ष्मी जी माता सरस्वती जी का पूजन करने के पहले पोटली तैयार कर लेंगें इसके पश्चात पूजन करें और पूजा समाप्ति के उपरांत उस पोटली को तिजोरी में अथवा दक्षिण दिशा में अथवा ईशान कोण में स्थापित कर देवें।
→ प्रत्येक वर्ष मात्र अक्षय तृतीया, शरद पूर्णिमा, दीवाली (कार्तिक अमावस्या) तथा छोटी दीवाली (कार्तिक पूर्णिमा) के दिन ही पोटली का विधिवत पूजन करें और पुनः तिजोरी में स्थापित कर देवें । पोटली को सिद्ध करने की विधि के लिए, पूजन प्रक्रिया के लिए तथा पूजन के गोपनीय मन्त्र, आदि जानकारी के लिए संपर्क करें +917089434899
॥ श्रीरस्तु ॥
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श्री हरि हरात्मक देवें सदा, मुद मंगलमय हर्ष।
सुखी रहे परिवार संग, अपना भारतवर्ष ॥
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संकलनकर्ता –
श्रद्धेय पंडित विश्वनाथ द्विवेदी ‘वाणी रत्न’
संस्थापक, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
(‘हरि हर हरात्मक’ ज्योतिष संस्थान)
संपर्क सूत्र – 07089434899
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Such a knowledgeable stufff..thank youu very much. Pt.Mr Vishwanath Dwivedi jii🙏🙏