जन्म कुंडली एक दस्तावेज है जिसका प्रयोग अक्सर ज्योतिष से जुड़ी गणनाओं को करने के लिए किया जाता है। एक जन्म कुंडली को बनाते वक़्त, जन्म तिथि, जन्म का समय, जन्म का स्थान और नाम पूछा जाता है। इन्हीं चारों घटकों को मिलाकर एक जन्म कुंडली का निर्माण होता है। जन्म कुंडली को एक तरह से ज्योतिष प्रोफाईल भी कहा जा सकता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति के ग्रहो की दशा किस प्रकार की है यह केवल जन्म कुंडली से ही पता लग सकता है। जन्म कुंडली का प्रयोग व्यक्ति के ग्रहों की दशा, मनोदशा और उनके योग के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। ऐसा करके व्यक्ति की सम्भावी काबिलियत और भविष्य को पता करने की कोशिश की जाती है। जन्म कुंडली से यह भी पता लगता है कि जातक मांगलिक है अथवा नहीं।
जीवन में हर दिन बहुत सारी समस्याएँ होती हैं और हर दिन लोग इसे हल करने की कोशिश करते हैं लेकिन अपने सर्वोत्तम प्रयासों के बाद भी उन्हें सही समाधान नहीं मिल पाता है, इसलिए हम हैं!!!
हम ‘हरि हर हरात्मक’ ज्योतिष आपको एक संपूर्ण वैदिक ज्योतिष आधारित समाधान प्रदान करता है, इसमें आपको हमारे वैदिक उपचार और पूजन विधि का पालन करके जल्द से जल्द आपके जीवन में किसी भी प्रकार की परेशानियों से बाहर निकलने में आसान मदद मिल सकती है।
कुंडली रिपोर्ट के लाभ:
जानिए आपके भाग्य में क्या निहित है।
संक्षिप्त में कुंडली में प्रस्तुत विभिन्न राज और धन योग एव दोष और उनका आप पर पड़ने वाला प्रभाव।
जीवन के शुभ और अशुभ फलदायक वर्ष।
अपने जीवनकाल के दौरान विभिन्न चलित ग्रह दशाओं के प्रभाव को जानें।
आपकी कुंडली आपके भाग्य का ब्लू प्रिंट है। यदि आप कुंडली के आधार पर अपनी ताकतों, कमजोरियों, अपने करियर, आर्थिक पक्ष, विवाह, परिवार, स्वास्थ्य आदि के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह आपके लिए एक उपयुक्त रिपोर्ट है।
जन्म कुंडली रिपोर्ट में होगा
ग्रहों का विवरण।
आपकी कुंडली के अनुसार आपकी ताकत और कमजोरियां।
संक्षिप्त में कुंडली में प्रस्तुत विभिन्न राज और धन योग एव दोष और उनका आप पर पड़ने वाला प्रभाव।
जीवन के विभिन्न पहलुओं से संबंधित भविष्यवाणियां।
जीवन के शुभ और अशुभ फलदायक वर्ष।
दशा विश्लेषण
उपाय
शिक्षा :-
शिक्षा वो आधार है जो आपको आजीवन आत्मनिर्भर बनाता है आपकी आंतरिक योग्यता का विकास करने बाली शिक्षा आपको उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति करवाती है। लेकिन यदि दिन रात पढने के बाद भी आपको सफलता नहीं मिलती या पढ़ाई में बिलकुल मन नहीं लगता तो आपको जरूरत है यह जानने की कि क्या आप वही पढ़ रहे हैं जो आपकी आत्मा में ज्ञान के प्रकाश का कारण बनेगा या फिर कुछ ऐसा विषय जो आपको आधे रास्ते में ही छोड़ना पड़ेगा। आपने देखा होगा बिना मार्गदर्शन के प्राप्त की गयी उच्च शिक्षा का होनहार छात्र भी सही लाभ नहीं उठा पाते और हार थक कर उन्हें आजीविका के लिए अपनी प्राप्त की गयी शिक्षा को छोड़ कर और ही क्षेत्र में कार्य करना पड़ता है। अक्सर छात्रों को सही मार्गदर्शन के अभाव के कारण मेडिकल की पढाई के बाद कम्पनी मैनेजर की नौकरी , इंजीनियरिंग के बाद होटल की नौकरी , ऍम बी ए के बाद स्टोर कीपर की नौकरी करनी पड़ती है। अगर आप चाहते हैं की आपके साथ ऐसा कुछ न हो और आप अपनी शिक्षा के उच्च स्तर को प्राप्त करके मान सम्मान और समृद्धि प्राप्त करें तो आप ज्योतिष ज्ञान से जान सकते हैं कि कौन सा क्षेत्र आपकी शिक्षा के लिए सर्वोत्तम है। मेडिकल , अकाउंट , इंजीनिरिंग , वकालत , आर्ट , मीडिया , ज्योतिष किस क्षेत्र में होगा आपकी शिक्षा का समपूर्ण विकास इसको आप किसी भी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेकर जान सकते हैं। हम आपको आपकी शिक्षा और ज्ञानार्जन की सही दिशा और शक्ति जन्मपत्रिका के अनुसार बताएँगे ताकि आप अपनी शिक्षा के शिखर पर पहुँच कर अपने ज्ञान से ख्याति और समृद्धि प्राप्त करें। आंतरिक गुण आपको हमेशा आपके क्षेत्र में सर्वोपरि रखते हैं जैसे
“गन्धः सुवर्णे फलमिक्षुदण्डे नाकारि पुष्पं खलु चन्दनेषु” अर्थात सोने में सुगंध नहीं फिर भी उसके गुण में सब मोहित हो जाते हैं गन्ने को फल नही फिर भी उसके रस से सबसे मीठी शक्कर (चीनी) बनती है। चन्दन के पेड़ पर फूल नहीं होते फिर भी उसकी सुगंध दूर दूर तक फ़ैल कर मुग्ध कर देती है।
अतः किसी भी वस्तु या ब्यक्ति के बाहरी स्वरुप से ज्यादा उसके आंतरिक गुण उसकी परमोत्कृष्टता का मूल आधार होते हैं न कि बाहरी आडम्बर। स्वयं की मूल शक्ति को जानना और उसके साथ जुड़ना स्वाभाविक सफलता का मार्ग है। हम ज्योतिष विद्या के माद्यम से आपके आंतरिक गुण और ज्ञान प्राप्ति का सही विषय और दिशा का अध्ययन करके आपको उच्च शिखर तक पहुँचाने में सहायता कर सकते हैं।
बच्चों का भविष्य निश्चित रूप से आजकल परिवार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। प्रतियोगिताओं के इस दौर में हमारे बच्चे सिर्फ मशीन की तरह वो सब करते हैं जो अभिभावक करवाना चाहते हैं और जब उनकी समझ विकसित होती है तो वो हमें ही गलत साबित करके खुद को दिशाहीन महसूस करते हैं। क्या आप नहीं चाहते कि आपके बच्चे की सही योग्यता को उजागर करके उसे सही दिशा में कामयाब बनाया जाये। सबकुछ जानने से बेहतर है कि जो आप जानो उसे आप दुनिया में सबसे बेहतर, अच्छी तरह से जानो। बच्चे को सबकुछ एक साथ सिखाने की दौड़ में हम बच्चे को वो सही आधार नहीं दे पाते जो उसके अंदर स्वाभाविक रूप से है। हम आपके बच्चे की जन्मकुंडली के विस्तृत अध्ययन से आपको बताएँगे बच्चे के लिए सही दिशा ताकि कल को वोस्वयं को दिशाहीन न महसूस करे और अपने आत्मविश्वास से नाम और प्रतिष्ठा कमाए जिसका जो स्वाभाव है उसके विरुद्ध प्रयास करके कोई बड़ी सफलता नहीं पा सकता इसलिए अपने स्वभाव को जान कर निरंतर आगे चलना चाहिए क्योंकि अग्नि प्रज्वलित होकर ऊपर की और उठती है और पानी वहता हुआ हमेशा नीचे की और जाता है इन्हे कोई ऊपर चढ़ना या नीचे उतरना नहीं सिखाता इसलिए हमें अपने वास्तविक स्वभाव, शक्ति और सामर्थ्य को जान कर निरंतर कर्म करते रहना चाहिए। हम आपकी कुंडली से आपकी इसी क्षमता का सही अध्ययन करके आपको आपकी शक्ति से परिचित करवाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। मार्गदर्शन के साथ आप अपनी स्वाभाविक शक्ति के साथ कर्म करना शुरू करो निश्चय ही आप पूर्ण सफलता प्राप्त करेंगे। भाग्य का मूल आधार निश्च्य ही हमारा कर्म ही है । इस तरह जब हम भी कर्मयुक्त होंगे तो निश्चय ही गतिशील होंगे।
“दैव न दैवमिति सचिन्त्य त्यजेदुद्योगमात्मनः” अर्थात दैव (भाग्य) का आधार मानकर कार्य का त्याग कभी नहीं करना चाहिए।
कार्य क्षेत्र :-
उचित दिशा ही हमें हमारे आंतरिक गुणों को प्रदर्शित करने का उपयुक्त अवसर देती है। नौकरी करने का प्रत्यक्ष और मुख्य कारण धनलाभ और उच्च पद है इसे कोई नकार नहीं सकता। कोई भी नौकरी स्वार्थ रहित होकर सिर्फ समाजसेवा या समय व्यतीत करने के लिए नहीं करता। जब हमें अपने लक्ष्य का पता हो तो मार्ग हम कैसे न कैसे प्रयास करके बना ही लेते हैं। इसलिए जब कार्यक्षेत्र से उच्च पद और आर्थिक समृद्धता ही मुख्य लक्ष्य हैं तो हम आपको आपकी जन्म कुंडली के अध्ययन से बताएँगे कि कौन सा कार्यक्षेत्र आपको उच्च सफलता दिलाएगा अनुभवी ज्योतिषियों से इसका विस्तृत अधययन करवाकर आप भी अपने कार्यक्षेत्र की उचित दिशा का चयन करें। यदि हम सूर्योदय के समय पश्चिम दिशा की ओर चलेंगे तो अपनी ही परछाई का पीछा करेंगे। यदि आप स्वयं की मेहनत से इतिहास लिखना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने लक्ष्य का निर्धारण करना होगा, हम आपको उचित दिशा दिखाने का सफल प्रयास कर सकते हैं। हमारे अनुभवी ज्योतिषीय परामर्श से आप अपनी जन्म कुंडली द्वारा अपने प्रखर व्यक्तित्व को उजागर करके उस पर निरंतर परिश्रम करके उचित दिशा में जनसमूह से ऊपर उठ कर सुयश, प्रतिष्ठा और समृद्धता प्राप्त कर सकते हैं।
व्यवसाय :-
व्यवसाय का हुनर और व्यापर की योग्यता चाहे कितनी भी हो यदि सही समय और सही काम में उस योग्यता का प्रयोग किया जाये तभी व्यवसाय जगत में उच्च आयाम प्राप्त होते हैं। आपकी व्यवसायिक योग्यता देश काल और वातावरण के अनुसार ही आपको व्यापार शिखर तक पहुंचा सकती है। पुराने समय में सोने-चाँदी के व्यापारियों को ही शोहरत मिलती थी जबकि आजकल तकनीक के युग में तकनीक के प्रयोग से मात्र अपने विचार का ही व्यवसाय करके दुनिया के व्यवसायिक उच्च पदों पर पहुंचा जा सकता है। तो आप किस व्यवसाय से जुड़े , किस व्यपार से होगा आपका भाग्योदय और कौन सा व्यसाय देगा आपको दुनिया में नाम और शोहरत इसका पूर्ण विश्लेषण अपनी जन्म कुंडली के आधार पर प्राप्त करें। आपके ग्रहों के शुभ अशुभ प्रभाव को सही से ज्ञात करके आपके व्यसाय के लिए कौन सा समय रहेगा सबसे बेहतर इसका आंकलन आपकी जन्मपत्रिका से करके आपको विस्तृत रूप से बताया जायेगा। तो आज ही हमारी सेवा का लाभ लें।
विदेश यात्रा अथवा विदेश में स्थिर निवास :-
विदेश यात्रा अथवा विदेश में स्थिर निवास बनाने की चाहत में दिनों प्रतिदिन हर किसी में एक होड़ सी लगी हुई है अपने जीवन की सारी कमाई लूटा कर भी बहुत से लोग विदेश में स्थिर होने के सपने सजाते रहते हैं और गलत दिशा अथवा देश में जाकर पूरे जीवन की कमाई से हाथ धो बैठते हैं। आपके साथ ऐसा कुछ ना हो इसलिए अगर आप विदेश यात्रा या विदेश में स्थिर निवास के बारे में विचार कर रहे हैं तो आपकी जन्म कुंडली के आधार पर उचित परामर्श ले कि कौन सी दिशा अथवा कौन से देश में आपको सफलता मिलेगी। हम आपके ग्रहों से आपकी विदेश यात्रा की दिशा , देश और समय के साथ साथ बताएँगे आपकी विदेश में छुपी सफलता का सही मार्ग और सटीक उपाय।
समृद्ध खुशहाल वैवाहिक जीवन :-
विवाह जीवन का वो पहलु है जो जीवन की दिशा और दशा को पूरी तरह प्रभावित करता है। अगर आप सही जीवन साथी के साथ चल रहे होते हैं तो आपको जीवन की कोई भी चुनौती महज एक छोटा सा खड्डा लगती है जिसे आप एक दूसरे का हाथ थाम कर बड़ी आसानी से पार कर लेते हो। लेकिन अगर आपका जीवन साथी आपकी स्वाभाविकता और विचारों से मिलान नहीं खाता हो तो आपको यह रास्ता ही कुए और खाई की तरह लगने लगता है जिसमे आपके जीवन की सुख शांति और समृद्धता सब नष्ट हो जाती है। आपकी जन्मकुंडली से ज्ञात किया जा सकता है कि आपको किस तरह का जीवन साथी आजीवन खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए चयनित करना चाहिए। कोन से ग्रहों की दशा में मिलेगा आपको आपका सही जीवन साथी। कुंडली मिलान अथवा कुंडली के दोषों के उपाय करके समृद्ध खुशहाल वैवाहिक जीवन जिया जा सकता है तो अगर आपको अपने जीवन में खुशहाली चाहिए और जानना चाहते हो अपने उस साथी के बारे में जो इस धरती पर सिर्फ आपके लिए है तो हम आपके लिए ज्योतिष के माध्यम से सही जीवन साथी के चयन का सफल प्रयास कर सकते हैं।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य :-
शरीर ही सभी सुख और सुविधाओं का भोग करता है। अगर स्वस्थ शरीर नहीं हो तो पृथ्वी का हर सुख और राज भोग बेकार लगेगा। “शरीररम आद्यम् खलु धर्म साधयम् ” वेद में साफ कहा गया है कि शरीर ही सभी धर्मों अर्थात कार्यों का पहला साधन है। स्वस्थ शरीर के बाद ही आपको इस दुनिया में किसी दूसरी वस्तु की अभिलाषा हो सकती है। शारीरिक स्वास्थ्य पर ही मानसिक स्वास्थ्य और शांति निर्भर है। कौन से ग्रहों के कारण आपको रोग, शारीरिक कष्टों और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.. किन उपायों से आप स्वस्थ समृद्ध जीवन जी सकते हैं ये सब जाने आपकी जन्कुंडली के अनुसार।
प्रेम विवाह :-
प्रेम मानव जीवन का स्वाभाव है और स्वभाव से प्राप्त होने वाली क्रिया हमारे जीवन में कभी भी किसी भी समय हो सकती है इसीलिए किसी भी उम्र के दौर में कम से कम एक बार तो प्रेम की गहराई का एहसास और उसे पाने की तड़प प्रत्येक प्राणी को जरूर होती है। क्या आप अपने प्रेम को सदैव अपने साथ चला पाएंगे या आपको भी सामना करना पड़ेगा अपने प्यार से अलगाव का, उम्र के किस दौर में आपको मिलेगा आपका प्यार। आपकी जन्मकुंडली के विस्तृत अध्ययन से और आपके प्रेम के मार्ग में आने बाली बाधाओं के उपायों के द्वारा आपको मिलाएंगे आपकी आत्मा के सच्चे हमसफ़र आपके प्रेम से। ….
“जननी जन्म सौख्यानाम् वर्द्धिनी कुल सम्पदाम्।
पदवी पूर्व पुण्यानाम्, लिख्यते जन्मपत्रिका॥”
“आदित्यादिग्रहा सर्वे नक्षत्राणि च राशयः।
सर्वान् प्रयच्छ्न्तु यस्यैषा जन्मपत्रिका॥”
उक्त दोनों वैदिक श्लोकों से स्पष्ट है कि व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसा फल भोगना पड़ता है, अर्थात व्यक्ति के जन्म के समय जो ग्रह नक्षत्र आकाश मंडल में जहाँ, जैसे, जिस स्थिति में होते हैं पृथ्वी पर, स्थान विशेष पर जन्मे शिशु के जीवन पर, उन्ही नवग्रह राशियों नक्षत्रों के स्वभावानुसार प्रभाव पड़ता है। ग्रहों के गोचर के अनुसार भी मनुष्य के जीवन पर समय समय पर प्रभाव होता रहता है
प्रश्नों और जिज्ञासाओं के समाधान पाने हेतु नियम और शर्तें
निम्न सूचनाएं प्रेषित करें –
• जन्म दिनांक, जन्म समय एवं जन्म स्थान का विवरण भेजें।
• पूर्व की जन्मपत्री, यदि हो तो भेजें।
• पृच्छक का एक संक्षिप्त परिचय भेजें।
• पृच्छक का नाम, फोन/मोबाइल, पूरा पता।
• प्रश्न एवं प्रश्न संबंधी विवरण।
• प्रश्न प्राप्ति से दो हफ्ते का समय दें।
• डिमांड ड्राफ्ट भेंजें।
• डिमांड ड्राफ्ट प्रेषित करने से पूर्व ई-मेल से सम्पर्क करें।
• प्रश्नो के उत्तर दूरभाष, ई –मेल, डाक सेवा से आपके कहे अनुसार प्रेषित किए जाएगें।
• आपकी पहचान और प्रश्नों को गोपनीय रखा जाएगा।
• व्यक्तिगत सम्पर्क द्वारा भी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए जा सकते हैं, पूर्व नियुक्ति लेकर सम्पर्क करना आवश्यक है।
• यदि जन्म तिथि न हो तो प्रश्न ज्योतिष के माध्यम से समस्या का समाधान एवं प्रश्नों के उत्तर प्राप्त किए जा सकते हैं जन्म तिथि, जन्म का समय एवं जन्म स्थान के विवरण के साथ हस्त-रेखा (दोनों हथेलियां) का डिजिटल प्रिन्ट और प्रच्छ्क का फोटो भी प्रेषित किया जा सकता है।
• वास्तु दोष निवारणार्थ भवन अथवा कार्यस्थल का मानचित्र दिशाओं के उल्लेख सहित अवश्य भेजा जाना चाहिए।
-: क्या पूछ सकते हैं :-
• विवाह/प्रेमविवाह जन्मपत्रियों का मिलान एवं संतान – सुखमय विवाहित जीवन हेतु वर एवं वधू की जन्मपत्रियों का मिलान एवं उत्पन्न संतान का पालन पोषण, जीवन का निर्माण तथा वृद्धावस्था में उनसे सुखशांति की प्राप्ति कैसी होगी, जैसे प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
• विवाह पश्चात वैवाहिक संबंध एवं विवाह विच्छेद – बेमेल विवाह, विवाह की प्रतिकूलता, असफलता, प्रेम विवाह से उत्पन्न समस्याएँ, विवाह विच्छेद की विषमताएं, सामंजस्य संबंधी समस्याओं के प्रश्नों का समाधान भी पूछा जा सकता है।
• शिक्षा, प्रतियोगिता एवं कैरियर – जन्म की उत्पत्ति के साथ ही जीव का सामाजीकरण, परिवार, शिक्षा, प्रतियोगिता और फिर किस क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी, विषयों का चयन, भाग्य की प्रतिकूलता एवं अनुकूलता, उपलब्धियों संबंधी प्रश्नों का सकारात्मक समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
• नौकरी, व्यवसाय, जीविका, आर्थिक स्रोत – जातक कौन सी नौकरी अथवा व्यवसाय से जीवन यापन करेगा? जीविका एवं आर्थिक स्रोतों के कौन-कौन से साधन हो सकते हैं? बॉस का व्यवहार, नौकरी की समस्याएँ, व्यवसाय नें लाभ-हानि, साझेदारी कैसी होगी? इन सब के बारे में अपने प्रश्न पूछ कर समस्याओं का समाधान भी प्राप्त किया जा सकता है।
• राजनैतिक व्यक्ति एवं राजनीति – राजनीति का सुख प्राप्त होगा या नहीं, कार्यकर्ता एवं राजनेताओं के जीवन में कब पद, यश एवं प्रतिष्ठा प्राप्त होगी? चुनावों में सफलता एवं विफलता संबंधी प्रश्नों का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
• तरक्की एवं उन्नति – जीवन में तरक्की, सफलता एवं उन्नति, बिना बाधाओं के नौकरी, व्यवसाय एवं कार्यक्षेत्र में कब पदप्रतिष्ठा, यश एवं उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे, कब सफल तो कब असफल होंगे आदि समस्याओं के संबंध में उचित मार्गदर्शन एवं उपाय प्राप्त किए जा सकते हैं।
• संपत्ति एवं वाहन – जीवन में भौतिक सुख-सुविधाओं सम्बन्धी, भूमि, भवन, धन-दौलत, सम्पति एवं वाहन की सुविधाओं का उपयोग, उनकी प्राप्ति, अनुकूलता तथा प्रतिकूलता सम्बन्धी प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं।
• न्यायालयीय मुकद्दमे एवं कारावास तथा दंड – उन विशेष व्यक्तियों हेतु जो इन समस्याओं से पीड़ित हैं और मुकद्दमों, कारावास, दंड तथा निलंबन से मुक्ति चाहते हैं – तो अविलंब प्रश्न कर समाधान प्राप्त करें तथा अनावश्यक विलंब, व्यर्थ आर्थिक व्यय और मानसिक एवं शारीरिक कष्ट से मुक्त हो जाएँ।
• स्वास्थ्य, रोग, जीवन एवं मृत्यु – शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य, विभिन्न गंभीर रोगों, जीवन मृत्यु एवं दुर्घटना, अकाल मृत्यु, मृत्युतुल्य कष्ट सम्बन्धी जिज्ञासाओं के प्रश्न करके आवश्यकतानुसार समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
• पुनर्जन्म एवं मृत्यु के पश्चात – व्यक्ति का जन्म और पुनर्जन्म, मृत्यु के पश्चात जीवन की गति, तृप्ति, संतुष्टि सम्बन्धी जिज्ञासाओं के प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं।
• अन्य – व्यक्ति का खो जाना, क्रोधित हो कर चले जाना, वापस न आना, अपनों से अलगाव, मित्रता, किसी भी रिश्ते में तकरार, तनाव से मुक्ति, क्रोध से बचाव, खोई हुई वस्तु की प्राप्ति आदि समस्याओं का समाधान एवं उपाय भी उपलब्ध हैं।
• समाधान के साधन – उपरोक्त सभी प्रश्नों एवं समस्याओं, जिज्ञासाओं का समाधान निम्न उपायों द्वारा संतोषजनक तरीके से किया जा सकता है, अवश्यकता है तो सच्ची लगन और विश्वास की।
• मंत्र – मंत्रों की दैवीय, गणितीय, आध्यात्मिक शक्तियाँ अद्वितीय एवं सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती हैं। ये मंत्र समस्या समाधान एवं मानसिक शांति में विशेष प्रभावकारी सिद्ध होते हैं
• यंत्र – इसी प्रकार यंत्रों के गुणात्मक, धनात्मक, प्रभाव – मंत्रों के साथ मिलकर या अलग से प्रयोग में लाकर कठिन से कठिन कार्यों की सिद्धि प्रदान करते हैं।
• रत्न – रत्नों को स्पर्श करने एवं उनके रंगों के संपर्क में आने से, मन, विचार, व्यवहार और जीवन में सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होते हैं।
• रुद्राक्ष – रुद्राक्ष की एक से लेकर 14 मुखी माला धारण करके अप्रत्याशित प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है। ये शांति एवं कार्य सिद्धि में अद्वितीय एवं श्रेष्ठ होते हैं।
• औषधि – जन्म-नक्षत्र अनुसार, औषधियों के सेवन एवं स्नान का शास्त्रीय विधान अपनाकर शारीरिक रोगों एवं समस्याओं का सकारात्मक समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
• श्रीयंत्र – स्फटिक, अष्टधातु, स्वर्ण, रजत, ताम्र धातु से निर्मित श्री-यंत्रों का बहु-विधि प्रयोग द्वारा,सौभाग्य,संतान, धन, विद्या, सुखशांति एवं समृधि की प्राप्ति संभव है।
• वास्तु एवं फेंगशुई – अपने घर, मकान, कार्यस्थल, फ़ैक्टरी आदि स्थानों के वास्तु संबंधी दोषों एवं नकारात्मक ऊर्जा को वास्तु एवं फेंगशुई की वस्तुओं का प्रयोग करके सुख, शांति, उन्नति, धन,सौभाग्य, वैभव आदि प्राप्त किया जा सकता है।
• दान एवं सेवाभाव – ये सरल, सस्ते, सुलभ और आम व्यक्तियों को स्वयं समझ में आने वाले उपाय हैं। सेवा भाव का सुख एवं आशीर्वाद का कोई अन्य विकल्प नहीं होता।
• कालसर्पदोष समाधान – इसका विस्तृत एवं संक्षिप्त पूजन विधान, कलसर्पदोष संबंधी समस्याओं एवं बाधाओं से मुक्ति प्रदान करता है।
• रेकी एवं टेलीपैथी – मनोदैहिक प्रक्रियाओं, संवेगों, संवेदनाओं तथा मस्तिष्क एवं मन की भावनाओं को कल्पना, सैद्धांतिक प्रक्रिया एवं ध्यान,एकाग्रता एवं ध्वनि तरंगों द्वारा नियंत्रित करके कार्यों का संपादन एवं सिद्धि प्राप्त कराई जाती है। यह एक मनोवैज्ञानिक आध्यात्मिक प्रक्रिया है।
• विशेष वैदिक अनुष्ठान – समाधानों की श्रंखला में कुछ विशेष वैदिक अनुष्ठानों का प्रविधान भी है। जैसे – कार्य-सिद्धि, रोग निवारण, अनिष्ट निवारण, धन-वैभव, विवाह एवं संतान प्राप्ति, ग्रहों के अनिष्ट, कालसर्प दोष निवारण, सर्वत्र विजय एवं सफलता, कष्टकारी योग निवारण, अकाल मृत्यु, दुर्घटना निवारण आदि किसी भी प्रकार के अनुष्ठानों का सुझाव तथा मार्ग–दर्शन किया जाता है।
॥ श्रीरस्तु ॥
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श्री हरि हरात्मक देवें सदा, मुद मंगलमय हर्ष।
सुखी रहे परिवार संग, अपना भारतवर्ष ॥
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संकलनकर्ता –
श्रद्धेय पंडित विश्वनाथ द्विवेदी ‘वाणी रत्न’
संस्थापक, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
(‘हरि हर हरात्मक’ ज्योतिष संस्थान)
संपर्क सूत्र – 07089434899
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