परशुराम जयंती
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ वैशाखस्य सिते पक्षे, तृतीयायां पुनर्वसौ।निशायां प्रथमे यामे, रामाख्याः समये हरिः॥
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ वैशाखस्य सिते पक्षे, तृतीयायां पुनर्वसौ।निशायां प्रथमे यामे, रामाख्याः समये हरिः॥
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ वैशाख शुक्ल तृतीया अक्षया तृतीयोच्यते ।सा पूर्वान्ह व्यापिनी ग्राह्या ॥१॥(निर्णय
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ अष्टम्या नवमी विद्धा कर्तव्या फलकांक्षिभिः।न कुर्यान्नवमी तात दशम्या तु कदाचन॥(दीक्षित
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ चैत्र शुक्ल नवम्यां पुनर्वसुयुतायां मध्यान्हे कर्क लग्न राश्यां श्री राम
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ माधव के अनुसार मुहूर्तमात्रसत्वेऽपि दिने गौरीव्रतंपरा। पराविद्धा तृतीया ग्रहण करना
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ मुहूर्त निर्णय चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ की शुक्ल प्रतिपदा
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ चैत्रे सितप्रतिपदि यो वारोऽर्कोदये स वर्षेशः।उदयद्वितीये पूर्वी नोदयुगलेऽपि पूर्वः स्यात्॥(ज्योतिर्निबन्ध)
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ यह व्रत सभी महीनों के दोनों पक्षों में त्रयोदशी को
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ यह व्रत सभी मासों में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ १• अखंडा एवं खंडा तिथिजो तिथि सूर्योदय से सूर्यास्त तक