वसन्त पञ्चमी का महत्व
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ माघ शुक्लपक्ष पंचमी। इस दिन पूर्वविद्धा पंचमी को श्रीगणेश एवं
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ माघ शुक्लपक्ष पंचमी। इस दिन पूर्वविद्धा पंचमी को श्रीगणेश एवं
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा जिस दिन प्रदोष व्यापिनी हो उस दिन
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ कार्तिक शुक्ल अरुणोदयव्यापिनी चतुर्दशी को ब्रह्म मुहूर्त में पूजन एवं
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ नवमी विद्धा कर्तव्या फलकाङ्क्षिणा।न कुर्यान्नवमी तात दशम्या तु कदाचन ।।
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ (यमद्वितीया मध्यान्हव्यापिनी पूर्वविद्धा चेति हेमाद्रिः)(निर्णय सिन्धु) कार्तिक शुक्ल द्वितीया। यह
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ प्रदोषार्धरात्रव्यापिनी मुख्या एकैक व्याप्तौ परैव(निर्णय सिन्धु) अर्थात् – प्रदोष काल
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ फाल्गुन कृष्णपक्ष चतुर्दशी। जैसा कि शिवरात्रि के नाम से संकेत
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ प्रदोष व्यापिनी ग्राह्या पूर्णिमा फाल्गुनी सदा। निशागमे तु पूज्येत् होलिका
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ यह त्रयोदशी प्रदोष व्यापिनी शुभ होती है। यदि वह दो
“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ कार्तिक कृष्ण पक्ष। वत्सपूजा वटश्चैव कर्तव्यी प्रथमऽहनि के अनुसार इसमें