जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली में दिवालियापन योग

“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ अष्टमेश ४१५।९।१० स्थानों में हो और लग्नेश निर्बल हो तो

जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली में जमींदारी योग

“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ चतुर्थेश दशम में और दशमेश चतुर्थ में हो। चतुर्थेश दूसरे

जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली में ससुराल से धन-प्राप्ति के योग

“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ सप्तमेश और द्वितीयेश एक साथ हों और उन पर शुक्र

जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली में बुध आदित्य योग

“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉ जन्म कुण्डली में बुध आदित्य योग वैदिक ज्योतिष में सूर्य

जन्म कुण्डली के विविध योग

जन्म कुण्डली में गजकेसरी योग

गजकेसरी योग कुंडली में गजकेसरी योग कब बनता है? ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली में

जन्म कुण्डली के विविध योग

कुण्डली में राजनीति योग

राजनीति में ज्योतिष, पूजा-पाठ, तंत्र-मंत्र का सहारा लेना अति आवश्यक है। पंडित विश्वनाथ प्रसाद द्विवेदी

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