“ॐ हरि हर नमो नमःॐ”
┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉
शमीपूजायात्रदौ नक्षत्रोदयव्यापिनीदशमी ग्राह्या।
नवमीशेष युक्तायां दशम्यायम पराजिता।
ददाति विजयं देवी पूजित जयवर्द्धिनी॥ (रत्नकोष)
अर्थात् – जिन दिन श्रवण नक्षत्र के प्रारंभ के समय दशमी तिथि व्याप्त हो उस दिन युद्ध में विजय की कामना रखने वाले राजा की विजय होती है। यदि श्रवण नक्षत्र न मिले तो नवमी दशमी युक्ता दिवस में विजया दशमी मनाना चाहिए।
विजयादशमी को रावण नामक राक्षस पर भगवान श्री राम की जय के रूप में मनाया जाता है। विजयादशमी को महिषासुर नामक दानव पर देवी दुर्गा की विजय के रूप में भी मनाया जाता है। विजयादशमी को दशहरा अथवा दसरा के नाम से भी जाना जाता है। नेपाल में दशहरा को दशैं के रूप में मनाया जाता है।
शमी पूजा, अपराजिता और सीमा अवलंघन या सीमोल्लंघन कुछ ऐसे अनुष्ठान हैं जिनका आयोजन विजयादशमी के दिन किया जाता है। दिन के हिन्दु विभाजन के अनुसार, इन अनुष्ठानों को अपराह्न समय के दौरान किया जाना चाहिये।
॥ श्रीरस्तु ॥
❀꧁꧂❀
श्री हरि हरात्मक देवें सदा, मुद मंगलमय हर्ष।
सुखी रहे परिवार संग, अपना भारतवर्ष ॥
┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉
संकलनकर्ता –
पंडित हर्षित द्विवेदी
(‘हरि हर हरात्मक’ ज्योतिष)
संपर्क सूत्र – 07089434899
┉┅━❀꧁꧂❀━┅┉